कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे हैं ये शुभ योग, जानें मुहूर्त

इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो आपकी पूजा और व्रत को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। जानें इस दिन के विशेष मुहूर्त।

इस वर्ष जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय का नक्षत्र भी है।

रोहिणी नक्षत्र का योग

जन्माष्टमी की रात अष्टमी तिथि का संयोग अत्यंत शुभ माना जाता है, यह समय भगवान कृष्ण की पूजा के लिए आदर्श है।

अष्टमी तिथि

व्रज योग का संयोग जन्माष्टमी पर बन रहा है, जो आपके व्रत और पूजा को विशेष फलदायी बनाता है।

व्रज योग

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात 12 बजे के आसपास की जाती है, जब भगवान का जन्म माना जाता है। इस समय पर पूजा करना अत्यधिक शुभ होता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

दूध, मक्खन, और फूलों से भगवान कृष्ण का अभिषेक करें और ध्यान रखें कि पूजा के समय पूरे मन से भगवान का स्मरण करें।

पूजा की तैयारी के लिए सुझाव

इन शुभ योगों और मुहूर्त में की गई पूजा से आपको भगवान कृष्ण का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा। जन्माष्टमी की शुभकामनाएं!

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