सूर्यास्त के बाद शंख बजाना चाहिए या नहीं?
हिंदू धर्म में शंख बजाने का विशेष महत्व है, लेकिन सूर्यास्त के बाद इसे बजाने को लेकर कई मान्यताएं और नियम हैं। आइए जानें क्या है सही।
शंख बजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण शुद्ध होता है, इसलिए इसे पूजा में उपयोग किया जाता है।
शंख बजाने का महत्व
परंपराओं के अनुसार, सूर्यास्त के बाद शंख बजाना वर्जित माना जाता है क्योंकि इस समय नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं।
सूर्यास्त के बाद शंख बजाने का विरोध
हालांकि, कुछ अवसरों पर, जैसे विशेष पूजा या त्योहारों में, शंख बजाना शुभ माना जाता है, भले ही वह सूर्यास्त के बाद हो।
कुछ अपवाद
वैज्ञानिक रूप से, शंख बजाने से ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं जो हवा को शुद्ध कर सकती हैं, लेकिन रात में यह कम प्रभावी हो सकता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
परंपराओं का सम्मान करते हुए, शंख को दिन के समय में ही बजाना उचित है, लेकिन विशेष अवसरों पर इसे रात में भी बजाया जा सकता है।
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